Sunday 18 October 2015

" शक्ति की भक्ति करे भारत "

आखिर कब तक लाखों दामिनिया / बेटिया बलात्कार का शिकार होती रहेगी ...?

स्त्री सन्मान और नवरात्री की दैवी पूजा करने वाले भारत में ऐसा क्यूं...?

दोस्तों, आज शक्ति आराधना पर्व नवरात्री का छठा दिन है और जिस देश में नारी की पूजा की जाती है...

" यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता "

( जहाँ नारी की पूजा होती है वहा देवताओ का निवास होता है )

ऐसे इस देश मे हर दिन बलात्कार की घटनाए होना भारतीय संस्कृति के सभ्य लोगो को सोचने पे मजबूर कर देती है...

आओ आज हम हमारे समाज, संस्कृति एवम सोच का स्वावलोकन करते है.
दोस्तों, अपने देश मे हर 30 मिनिट पे बलात्कार, हर दिन 93 स्त्री बलात्कार का शिकार होती है और देश की राजधानी दिल्ली में हर 18 घंटे में एक बलात्कार ये कौनसे सभ्य समाज की निशानी है...?

टीवी देखो या अखबार हर दिन बलात्कार, गैंगरेप जैसी घटनाए हेडलाइन बनती है.
हद तो तब होती है जब कुछ दिन पहले पश्चिमी दिल्ली के नागलोई इलाके में रामलीला देखने गई ढाई साल की बच्ची को अगवा कर उस के साथ सामूहिक बलात्कार होता है...

यहा प्रश्न होता है की जिस देश मे नारी को शक्ति रूपिणी, मूल प्रकृति  और जीवो की जननी, माँ बहन या पत्नी सभी रूपों मे शक्ति का पुंज माना है उस देश मे नारी के बाल स्वरूप को भी बक्सा नहीं जाता...?

दोस्तों, पूरा देश शक्ति आराधना का पवित्र पर्व मना रहा है तब मेरी आपसे बिनती है की भारतीय संस्कृति के उच्च मूल्यों को पुनः जीवित किया जाये और नारी शक्ति को सच्चा सन्मान दिया जाए...

क्योंकि नारी के बिना पुरुष की बाल्यावस्था असहाय है, युवावस्था सुखरहित है और वृद्धावस्था सांत्वना देने वाले सच्चे और वफादार साथी से रहित है ऐसी मातृ तुल्य नारी की सच्ची पूजा हमें सन्मान देके करनी चाहिये.

 सिर्फ " मातृदेवो भव : " कह कर और नवरात्री में शक्ति पूजा के नाम पे नाच कर हम लोगो की जिम्मेवारी पूरी नहीं हो जाती...

आओ हम सब हरदिन बनती ऐसी घिनोनी बलात्कार की घटनाए रोकने के लिए अपना और पुरे समाज का स्वावलोकन करे और शक्ति की सच्ची भक्ति करे और एक सुरक्षीत सभ्य समाज का निर्माण करे...

शक्ति की भक्ति करे भारत...

आप सब का निलेश राजगोर

दिनांक : 18/10/2015

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