Saturday 24 November 2012

શું અરુણાચલ પ્રદેશને બચાવવા આપણા ભારતના લોકો જાગશે???


મિત્રો, આજે દિવ્યભાસ્કરમાં રજુ થયેલ અંક "ચીને અરુણાચલ પ્રદેશ, અક્સાઈ ચીનને પોતાનો ભાગ ગણાવ્યો" પર શું ભ્રષ્ટાચારમાં વ્યસ્ત આપણા રાજનેતાઓ ગંભીરતા થી નોધ લેશે?

50 વર્ષ ના શરમજનક ઈતિહાસ માંથી ભારત ચીન સામે શું ફરીથી ભૂલ દોહરાવશે?

2008માં ભારતીય લશ્કરે સ્પેશ્યલ માઉન્ટેન ફોર્સ ના ગઠન માંટે સુચન કર્યું હતું. એ વખતે ચૂંટણી નું વર્ષ કહી પ્રસ્તાવને ટાળી દેવામાં આવ્યો અને 2009માં મનમોહનસિંહ બીજી ટર્મ માટે વડાપ્રધાન બન્યા ત્યારે સ્પેશ્યલ માઉન્ટેન ફોર્સ ના ગઠન માંટે રૂ। 60,000 કરોડનું જેટલો ખર્ચ થતો હોઈ વિકાસના કામો ને પ્રાધાન્ય આપવાના નામે લશ્કર ના પ્રસ્તાવને ટાળી દેવાયો. શું આ દેશ માટે 1,86,000 કરોડ જેવા અનેક કૌભાંડો થઇ શકે અને ભારતની રક્ષા માટે, પ્રજા ના સન્માન માટે ચીન જેવા ભયંકર શક્તિશાળી દેશ સામે લડવા માટે લશ્કર માટે 60,000 કરોડ જેટલું બજેટ નથી??? આ વાત ની આપ સૌ ચિંતા કરજો અને પત્ર લખી વડાપ્રધાન તથા રાષ્ટ્રપતિને જાણ કરજો નહીંતર ભાવી પેઢી આપણને માફ નહીં કરે... દેશ ની સુરક્ષાની ચિંતા ખુબ જ જરૂરી છે...
                                                                                                                                  --આપનો નીલેશ રાજગોર

Tuesday 20 November 2012

Happy International Children's Day...


बच्चे ही देश का भविष्य है, आओ बच्चो का बचपन बचाए... Happy International Children's Day...  -निलेश राजगोर

Thursday 15 November 2012

सच्चे देशभक्त और दीर्घदृष्टा श्री नाथूराम विनायक गोडसेजी की पुण्यतिथी पर कोटि कोटि नमन...



"यदि अपने देश के प्रति भक्तिभाव रखना पाप है तो मैंने वह पाप किया है और यदि यह पुण्य है तो उसके द्वारा अर्जित पुण्य पद पर मैं अपना नम्र अधिकार व्यक्त करता हूँ"             - नाथूराम विनायक गोडसे 

सच्चे देशभक्त और दीर्घदृष्टा श्री नाथूराम विनायक गोडसेजी की पुण्यतिथी पर कोटि कोटि नमन... हार्दिक श्रद्धांजली...


दोस्तों, आज श्री नाथूराम विनायक गोडसेजी की पुण्यतिथि है और पूरी दुनिया उन्हें सिर्फ गाँधी वध के लिए जानती है, लेकिन वह अधुरा सच है। वो सही में सच्चे देशभक्त थे और उनके लिए देश से बढ़कर व्यक्ति नहीं था। में आपसे अनुरोध करता हूँ की उनको समजने के लिए पूरा लेख पढ़े... व्यक्ति से बढ़के व
िचार महान है...

गान्धी-वध के कारण

गान्धी-वध के मुकद्दमें के दौरान न्यायमूर्ति खोसला से नाथूराम ने अपना वक्तव्य स्वयं पढ़ कर सुनाने की अनुमति माँगी थी और उसे यह अनुमति मिली थी। नाथूराम गोडसे का यह न्यायालयीन वक्तव्य भारत सरकार द्वारा प्रतिबन्धित कर दिया गया था। इस प्रतिबन्ध के विरुद्ध नाथूराम गोडसे के भाई तथा गान्धी-वध के सह-अभियुक्त गोपाल गोडसे ने ६० वर्षों तक वैधानिक लडाई लड़ी और उसके फलस्वरूप सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रतिबन्ध को हटा लिया तथा उस वक्तव्य के प्रकाशन की अनुमति दी। नाथूराम गोडसे ने न्यायालय के समक्ष गान्धी-वध के जो १५० कारण बताये थे उनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं: -

नाथूराम गोडसे ने न्यायालय के समक्ष गान्धी-वध के जो १५० कारण बताये थे उनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं: -

1. अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ गोली काण्ड (१९१९) से समस्त देशवासी आक्रोश में थे तथा चाहते थे कि इस नरसंहार के नायक जनरल डायर पर अभियोग चलाया जाये। गान्धी ने भारतवासियों के इस आग्रह को समर्थन देने से स्पष्ठ मना कर दिया।

2. भगत सिंह व उसके साथियों के मृत्युदण्ड के निर्णय से सारा देश क्षुब्ध था व गान्धी की ओर देख रहा था, कि वह हस्तक्षेप कर इन देशभक्तों को मृत्यु से बचायें, किन्तु गान्धी ने भगत सिंह की हिंसा को अनुचित ठहराते हुए जनसामान्य की इस माँग को अस्वीकार कर दिया।

3. ६ मई १९४६ को समाजवादी कार्यकर्ताओं को दिये गये अपने सम्बोधन में गान्धी ने मुस्लिम लीग की हिंसा के समक्ष अपनी आहुति देने की प्रेरणा दी।

4. मोहम्मद अली जिन्ना आदि राष्ट्रवादी मुस्लिम नेताओं के विरोध को अनदेखा करते हुए १९२१ में गान्धी ने खिलाफ़त आन्दोलन को समर्थन देने की घोषणा की। तो भी केरल के मोपला मुसलमानों द्वारा वहाँ के हिन्दुओं की मारकाट की जिसमें लगभग १५०० हिन्दू मारे गये व २००० से अधिक को मुसलमान बना लिया गया। गान्धी ने इस हिंसा का विरोध नहीं किया, वरन् खुदा के बहादुर बन्दों की बहादुरी के रूप में वर्णन किया।

5. १९२६ में आर्य समाज द्वारा चलाए गए शुद्धि आन्दोलन में लगे स्वामी श्रद्धानन्द की अब्दुल रशीद नामक मुस्लिम युवक ने हत्या कर दी, इसकी प्रतिक्रियास्वरूप गान्धी ने अब्दुल रशीद को अपना भाई कह कर उसके इस कृत्य को उचित ठहराया व शुद्धि आन्दोलन को अनर्गल राष्ट्र-विरोधी तथा हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये अहितकारी घोषित किया।

6. गान्धी ने अनेक अवसरों पर शिवाजी, महाराणा प्रताप व गुरू गोबिन्द सिंह को पथभ्रष्ट देशभक्त कहा।

7. गान्धी ने जहाँ एक ओर कश्मीर के हिन्दू राजा हरि सिंह को कश्मीर मुस्लिम बहुल होने से शासन छोड़ने व काशी जाकर प्रायश्चित करने का परामर्श दिया, वहीं दूसरी ओर हैदराबाद के निज़ाम के शासन का हिन्दू बहुल हैदराबाद में समर्थन किया।

8. यह गान्धी ही थे जिन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना को कायदे-आज़म की उपाधि दी।

9. कांग्रेस के ध्वज निर्धारण के लिये बनी समिति (१९३१) ने सर्वसम्मति से चरखा अंकित भगवा वस्त्र पर निर्णय लिया किन्तु गान्धी की जिद के कारण उसे तिरंगा कर दिया गया।

10. कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को बहुमत से कॉंग्रेस अध्यक्ष चुन लिया गया किन्तु गान्धी पट्टाभि सीतारमय्या का समर्थन कर रहे थे, अत: सुभाष बाबू ने निरन्तर विरोध व असहयोग के कारण पद त्याग दिया।

11. लाहौर कांग्रेस में वल्लभभाई पटेल का बहुमत से चुनाव सम्पन्न हुआ किन्तु गान्धी की जिद के कारण यह पद जवाहरलाल नेहरु को दिया गया।

12. १४-१५ १९४७ जून को दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में भारत विभाजन का प्रस्ताव अस्वीकृत होने वाला था, किन्तु गान्धी ने वहाँ पहुँच कर प्रस्ताव का समर्थन करवाया। यह भी तब जबकि उन्होंने स्वयं ही यह कहा था कि देश का विभाजन उनकी लाश पर होगा।

13. जवाहरलाल की अध्यक्षता में मन्त्रीमण्डल ने सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय पर पुनर्निर्माण का प्रस्ताव पारित किया, किन्तु गान्धी जो कि मन्त्रीमण्डल के सदस्य भी नहीं थे; ने सोमनाथ मन्दिर पर सरकारी व्यय के प्रस्ताव को निरस्त करवाया और १३ जनवरी १९४८ को आमरण अनशन के माध्यम से सरकार पर दिल्ली की मस्जिदों का सरकारी खर्चे से पुनर्निर्माण कराने के लिए दबाव डाला।

14. पाकिस्तान से आये विस्थापित हिन्दुओं ने दिल्ली की खाली मस्जिदों में जब अस्थाई शरण ली तो गान्धी ने उन उजड़े हिन्दुओं को जिनमें वृद्ध, स्त्रियाँ व बालक अधिक थे मस्जिदों से खदेड़ बाहर ठिठुरते शीत में रात बिताने पर मजबूर किया गया।

15. २२ अक्तूबर १९४७ को पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया, उससे पूर्व माउण्टबैटन ने भारत सरकार से पाकिस्तान सरकार को ५५ करोड़ रुपये की राशि देने का परामर्श दिया था। केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल ने आक्रमण के दृष्टिगत यह राशि देने को टालने का निर्णय लिया किन्तु गान्धी ने उसी समय यह राशि तुरन्त दिलवाने के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया जिसके परिणामस्वरूप यह राशि पाकिस्तान को भारत के हितों के विपरीत दे दी गयी।

मृत्युदण्ड

नाथूराम गोडसे को सह-अभियुक्त नारायण आप्टे के साथ १५ नवम्बर १९४९ को पंजाब की अम्बाला जेल में फाँसी पर लटका कर मार दिया गया। उन्होंने अपने अन्तिम शब्दों में कहा था:

"यदि अपने देश के प्रति भक्तिभाव रखना कोई पाप है तो मैंने वह पाप किया है और यदि यह पुण्य है तो उसके द्वारा अर्जित पुण्य पद पर मैं अपना नम्र अधिकार व्यक्त करता हूँ"
– नाथूराम विनायक गोडसे
 

Saturday 10 November 2012

10 November,2012. Happy Malala Day...


પ્રિય મિત્રો, 14 વર્ષની પાકિસ્તાની દીકરી મલાલાએ તાલીબાનોએ શિક્ષણાધિકાર પર પ્રતિબંધ મુકેલો હોવા છતાં મહિલાઓનાં શિક્ષણાધિકાર માટે અવાઝ ઉઠાવ્યો અને તેને તાલિબાનોની ગોળીનો ભોગ બનવું પડ્યું...

માનવતા ના અસુરો સામે જેણે જંગ છેડ્યો છે તેમાં આપણે બધાજ માનસિક રીતે સહભાગી થઈએ અને નવદુર્ગાને પ્રાર્થના કરીએ કે શક્તિનાં આ બાળ સ્વરૂપને નવી ઝીંદગી અર્પે અને વિજયી નીવડે તથા મહિલા શક્તિકરણનું વિશ્વમાં શ્રેષ્ઠ ઉદાહરણ બને.....                                                                    -- નીલેશ રાજગોર

Monday 5 November 2012

1962 માં અકસાઇ-ચીન ગુમાવ્યુ. 2012 પછી શું અરુણાચલ પ્રદેશ ગુમાવાનો??? 50 વર્ષ ના શરમજનક ઈતિહાસ માંથી ભારત ચીન સામે શું ફરીથી ભૂલ દોહરાવશે???

મિત્રો, 1962ની ચીન સામેની શરમજનક હારને 50 વર્ષ થયા હોય અને આજે પણ 88000 કિ.મી. જમીન ઉપર ચીન નો કબજો હોય અને બોર્ડર પર રોજેરોજની ચંચુપાત હોય તો શું તમને નથી લાગતું કે આપણી પાવૈયાછાપ નેતાગીરી શહીદોની શહાદત ને અને ભારતના સાર્વભૌમત્વના સન્માનને જાળવવા ગંભીર ન
થી???

2008માં ભારતીય લશ્કરે સ્પેશ્યલ માઉન્ટેન ફોર્સ ના ગઠન માંટે સુચન કર્યું હતું. એ વખતે ચૂંટણી નું વર્ષ કહી પ્રસ્તાવને ટાળી દેવામાં આવ્યો અને 2009માં મનમોહનસિંહ બીજી ટર્મ માટે વડાપ્રધાન બન્યા ત્યારે સ્પેશ્યલ માઉન્ટેન ફોર્સ ના ગઠન માંટે રૂ। 60,000 કરોડનું જેટલો ખર્ચ થતો હોઈ વિકાસના કામો ને પ્રાધાન્ય આપવાના નામે લશ્કર ના પ્રસ્તાવને ટાળી દેવાયો. શું આ દેશ માટે 1,86,000 કરોડ જેવા અનેક કૌભાંડો થઇ શકે અને ભારતની રક્ષા માટે, પ્રજા ના સન્માન માટે ચીન જેવા ભયંકર શક્તિશાળી દેશ સામે લડવા માટે લશ્કર માટે 60,000 કરોડ જેટલું બજેટ નથી??? આ વાત ની આપ સૌ ચિંતા કરજો અને પત્ર લખી વડાપ્રધાન તથા રાષ્ટ્રપતિને જાણ કરજો નહીંતર ભાવી પેઢી આપણને માફ નહીં કરે... દેશ ની સુરક્ષાની ચિંતા ખુબ જ જરૂરી છે...

                                                                                                                          -- આપ સૌનો નીલેશ રાજગોર