दोस्तों, बड़ी शर्मिंदगी की बात है, ऐसी लाखो दामिनिया बरबाद हो चुकी है और आज भी हो रही है । लेकिन हम तो कुम्भकरण की औलादे है नहीं जागेंगे। मीडिया ने बताया तो प्रदर्शन करेंगे, मोमबत्तीया जलायेंगे, दुआ करेंगे पर इन्साफ/Result तक नहीं पहोंचेंगे । कारण समय जाते ही हम भूल जाते है और ठोस कदम (Permanent Solution) तक नहीं पहोंच पाते है। अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल के मुद्दे क्या गलत है ??? जन लोकपाल, भ्रष्टाचार से मुक्ति और काले धन को वापस लाना देश के हित में नहीं है ??? क्या करोडो लोग आन्दोलन में गए थे वो आम जनता की आवाज़ नहीं थी ??? हम सब चाहते है की देश में अच्छा शासन हो लेकिन ये देश के सभी दलों के भ्रष्ट और ठग नेता समय निकलवा देते है और ऐसे जन आन्दोलनो को विफल कर देते है और हम भूल जाते है। कृपया अब हम नहीं जागेंगे तो फिर ऐसे बलात्कार होते ही रहेंगे, भ्रष्ट शासन चलते ही रहेंगे और हम लोग ऐसे ही श्रद्धांजलिया देते रहेंगे। कृपया एक बार फिर लोकशाही में सुधार का सोचे। आखिर देश तो देश की प्रजा को ही चलाना है, गुलाम या आज़ाद??? फैसला आप के हाथ में है।
--- देश की दुर्दशा से दुखी निलेश राजगोर