प्रिय मित्रो,
बहोत दुखी होकर मुझे ये लिखना पड रहा है की संसद में बैठे ऐसे गधो के लिए हमारे शाहिद्वीरो ने देश को आज़ादी दिलाई थी??? साला हर बात पे वोट बैंक की राजनीति... कभी तो देश का हित सोचो! देश के लिए जो करना चाहिए वोह कर नहीं रहे और देश का विकास रुक जाए और देश के लोग आपस में लडे ऐसे ऐसे कृत्य कर रहे है... भले ही अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के आन्दोलन को कपट के द्वारा कपटी सरकार ने निष्फल कर दिया लेकिन वो आवाज़ करोडो लोगो की आवाज़ थी और देश के करोडो लोगो के भलाई के लिए मांगे थी... जन लोकपाल और कला धन ला नहीं रहे हो और एक के बाद एक खरबो रुपियो के कौभांड और देश का विकास रोकने वाले बिल ला रहे हो... क्या इसलिए तुम लोगो को संसद में भेजा है... अमरीका, जापान, चीन या कोई भी देश ले लो, भारत के जैसी भौगोलिक समृद्धिया नहीं है... अरे तुर्की को ले लो वोह छोटा सा देश भारत से १५० साल आगे है और हमारे ४०% से भी ज्यादा लोग गरीबी रेखा से निचे जी रहे है और इसके लिए देश का मिस्मेनेज्मेंट जिम्मेवार है... देश के ही गरीब लोगो का खून चूसने वालो तुम से तो अच्छा अंग्रेज साशन था ... कम से कम वोह अपने तो नहीं थे, बाहर के थे पर वोह अपने देश और ईस्ट इंडिया कंपनी से वफादार थे और तुम अपनी ही मातृभूमि और करोडो लोगो से गद्दारी कर रहे है... डूब मरो सालो... अब वोह दिन दूर नहीं जब लाखो भगतसिंह पैदा होंगे और तुम जैसे गद्दारों को सजा देंगे...
सभी देशभक्त युवान भाई बहेनो से मेरा नम्र निवेदन है की कृपया सभी लोग राजनीति से ऊपर उठके राष्ट्रनीति से सोचे और देश की इस दुर्दशा को बदलने के लिए अपने अपने लेवल पे योगदान दे... आप सब आज़ाद, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाषचंद्र जैसे कई देशभक्त शहीदवीरो के वारसदार है... कृपया कुछ कीजिये... हम नहीं तो कौन? आज नहीं तो कब?
- देश की दुर्दशा से दुखी निलेश राजगोर
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