प्रिय दोस्तों
उत्तर भारत में खासतौर से उत्तराखंड और
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ ने जो तांडव मचाया है, उससे वहां जिंदगियां जिस मुश्किल में फंसी है, उसे देखकर हम सब बहोत बहुत दुखी है.
बाढ़ ने 70,000 से ज्यादा को बेघर कर दिया
है .सरकारी आंकड़ा जो मर्ज़ी हो, पर सच ये है कि सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. 2 दिन तक सरकार को स्थिति का अंदाजा ही नही
था. 2 दिन के बाद जो मदद गयी, उससे पहले ही बाढ़ तबाही मचा चुकी थी.
सुन्दरलाल बहुगुणा जी, जिन्होंने गाँधी जी के चिपको आन्दोलन में
महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, उन्होंने 10 साल पहले ही आगाह किया था, कि “पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को गंगा नदी कभी माफ़ नही करेगी”. पर सरकार ने सिर्फ अमीर माफियायों की परवाह की. सुन्दरलाल जी ने यहाँ तक कहा था,कि अगर भारी बरसात में हरिद्वार का बाँध टूटा तो मेरठ और दिल्ली तक मुसीबत
आएगी. टिहरी की पहाड़ियों
को थामने के लिए पेड़ों का नामोनिशान नही है.
माफिया प्रकृति के साथ जो मजाक कर रहे हैं, उसकी भरपाई मासूम लोगों की जान से हो रही है. सरकार इन्हें रोकने के लिए कोई कड़े कदम
नही उठाती. हालातों का
पूर्वानुमान होने पर भी कोई पुख्ता इंतजाम नही होते. अब परिणाम भीषण और दुखद हैं. इसकी चपेट में आये लोगों की आत्मा को
ईश्वर शांति प्रदान करे |
ॐ शांति...ॐ शांति...ॐ शांति...ॐ शांति...